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स्वतंत्रता दिवस विशेष (Independence day special)

आप सभी को अखण्ड भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस की आत्मिक बधाई एवं अनन्त शुभकामनाएं।

Indian flag waving in blue sky
Indian flag waving in blue sky

स्वतंत्रता दिवस विशेष
(Independence day special)

भारतीय तिरंगे का परिचय
(Introduction to Indian Tricolor):-

1. केसरिया रंग (संतरी रंग):- यह रंग साहस, बलिदान और त्याग का प्रतीक है। यह रंग देश के लिए समर्पण और साहस की भावना को दर्शाता है।

2. सफेद रंग:- यह रंग शांति, सत्य और पवित्रता का प्रतीक है। यह रंग देश की एकता और शांति की भावना को दर्शाता है।

3. हरा रंग:- यह रंग विश्वास, एकता और समृद्धि का प्रतीक है। यह रंग देश की समृद्धि और विकास की भावना को दर्शाता है।
इसके अलावा, तिरंगे के बीच में अशोक चक्र है, जो धर्म और न्याय का प्रतीक है। यह चक्र 24 तीलियों वाला है, जो मानव जीवन के 24 गुणों को दर्शाता है।

अशोक चक्र की 24 तीलियाँ मानव जीवन के 24 गुणों को दर्शाती है, जो इस प्रकार है:-

1. करुणा (दया)
2. प्रेम (प्यार)
3. सहानुभूति
4. सहयोग
5. सत्य
6. न्याय
7. दया
8. क्षमा
9. धैर्य
10. संयम
11. तपस्या
12. स्वाध्याय
13. संतोष
14. आचरण
15. अनुशासन
16. सेवा
17. त्याग
18. बलिदान
19. सहिष्णुता
20. विनम्रता
21. गंभीरता
22. आत्म-नियंत्रण
23. बुद्धिमत्ता
24. निर्भीकता

इन गुणों को मानव जीवन में अपनाकर हम एक बेहतर इंसान बन सकते हैं और समाज में एक सकारात्मक योगदान कर सकते हैं।

भारत में तिरंगे के निर्माण के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार, तिरंगे के निम्नलिखित प्रकार बनाए जाते हैं:-

1. खादी तिरंगा:- यह तिरंगा खादी कपड़े से बनाया जाता है और इसका उपयोग सरकारी कार्यालयों, संसद, और अन्य आधिकारिक अवसरों पर किया जाता है।

2. पॉलिएस्टर तिरंगा:- यह तिरंगा पॉलिएस्टर कपड़े से बनाया जाता है और इसका उपयोग व्यापक रूप से किया जाता है।

3. कॉटन तिरंगा:- यह तिरंगा सूती कपड़े से बनाया जाता है और इसका उपयोग विशेष अवसरों पर किया जाता है।

4. सिल्क तिरंगा:- यह तिरंगा रेशमी कपड़े से बनाया जाता है और इसका उपयोग विशेष अवसरों पर किया जाता है।

इनके अलावा, तिरंगे के विभिन्न आकार भी बनाए जाते हैं, जैसे कि:-

– बड़े तिरंगे (सामान्य आकार)
– मध्यम तिरंगे (छोटा आकार)
– छोटे तिरंगे (टेबल आकार)
– वाहन तिरंगे (वाहनों पर उपयोग के लिए)

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि तिरंगे का निर्माण और उपयोग भारतीय ध्वज संहिता के अनुसार किया जाना चाहिए।

भारतीय ध्वज संहिता के अनुसार, तिरंगे के विभिन्न आकारों के माप इस प्रकार हैं:-

1. बड़े तिरंगे (सामान्य आकार):
– लंबाई: 5400 मिमी (18 फीट)
– चौड़ाई: 3600 मिमी (12 फीट)

2. मध्यम तिरंगे (छोटा आकार):
– लंबाई: 3600 मिमी (12 फीट)
– चौड़ाई: 2400 मिमी (8 फीट)

3. छोटे तिरंगे (टेबल आकार):
– लंबाई: 1800 मिमी (6 फीट)
– चौड़ाई: 1200 मिमी (4 फीट)

4. वाहन तिरंगे (वाहनों पर उपयोग के लिए):
– लंबाई: 450 मिमी (1.5 फीट)
– चौड़ाई: 300 मिमी (1 फीट)

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये माप मानक हैं और विभिन्न अवसरों और स्थानों पर तिरंगे के आकार में भिन्नता हो सकती है।

अनुपात:- तिरंगे का अनुपात 3:2 होता है, जिसका अर्थ है कि इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 होता है।

खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) द्वारा निर्धारित मानक तिरंगे के निर्माण के लिए KVIC द्वारा निर्धारित मानकों का पालन किया जाता है।

भारतीय तिरंगों के आकार:- तिरंगे के विभिन्न आकार होते हैं, जैसे कि बड़े, मध्यम, छोटे और वाहन तिरंगे।

भारतीय ध्वज संहिता:- तिरंगे का उपयोग और निर्माण भारतीय ध्वज संहिता के अनुसार किया जाता है।
भारतीय तिरंगे का निर्माण पिंगली वेंकैया ने किया था, जो एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता थे। उन्होंने 1921 में तिरंगे का डिज़ाइन तैयार किया था, जिसमें तीन रंगों – केसरिया, सफेद और हरे – के साथ अशोक चक्र को शामिल किया गया था।

पिंगली वेंकैया ने अपने डिज़ाइन में केसरिया रंग को साहस और त्याग का प्रतीक बनाया, सफेद रंग को शांति और सत्य का प्रतीक बनाया, और हरे रंग को विश्वास और समृद्धि का प्रतीक बनाया। उन्होंने अशोक चक्र को धर्म और न्याय का प्रतीक बनाया।

पिंगली वेंकैया के डिज़ाइन को 1931 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने अपनाया था, और 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद, इसे आधिकारिक तौर पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज बनाया गया था।

भारतीय तिरंगे का इतिहास बहुत पुराना और समृद्ध है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं हैं जो तिरंगे के इतिहास को दर्शाती हैं:-

सन् 1906:- बंगाल के विभाजन के विरोध में राष्ट्रवादी आंदोलन के दौरान, पहली बार तिरंगा ध्वज का उपयोग किया गया था।

सन् 1916:- पिंगली वेंकैया ने तिरंगे का डिज़ाइन तैयार किया, जिसमें तीन रंगों – केसरिया, सफेद और हरे – के साथ अशोक चक्र को शामिल किया गया था।

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