Fees will not increase in private schools for 3 yearsप्राइवेट स्कूलों में 3 साल तक नहीं बढ़ेगी फीस
पेरेंट्स बाजार से भी खरीद सकेंगे यूनिफॉर्म-किताबें
Fees will not increase in private schools for 3 years प्रदेश में संचालित हो रहे प्राइवेट स्कूलों को लेकर शिक्षा विभाग ने नई गाइडलाइन जारी की है। इसमें किताबों, यूनिफॉर्म और फीस बढ़ोतरी को लेकर नियम तय किए गए हैं। पेरेंट्स अब स्कूल के अलावा बाजार से भी यूनिफॉर्म और किताबें खरीद सकेंगे।
प्राइवेट स्कूल में फीस निर्धारण को लेकर पेरेंट्स-टीचर्स की एक कमेटी का गठन करना होगा। यह कमेटी फीस का निर्धारण करेगी। इस फीस कमेटी के सभी सदस्यों का नाम, पता, मोबाइल नंबर प्राइवेट स्कूल पोर्टल पर अपडेट करना होगा।
कमेटी से अप्रूव फीस से ज्यादा लेना अवैध होगा। ऐसे स्कूलों पर फीस एक्ट के तहत कार्रवाई हो सकती है और पेरेंट्स से ली गई अतिरिक्त फीस लौटानी पड़ सकती है। जो फीस तय होगी, वो तीन साल तक रहेगी।
प्राइवेट स्कूल की मनमानी को देखते हुए जारी की गई 10 सूत्री यह गाइडलाइन करीब 40 हजार प्राइवेट स्कूलों पर लागू होगी। इन नियमों का पालन नहीं करने पर स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
Fees will not increase in private schools for 3 years गाइडलाइन के प्रमुख बिंदु
प्रदेश के स्कूलों में पेरेंट्स-टीचर्स मीटिंग का आयोजन किया जाए। स्कूल स्तरीय फीस कमेटी का गठन हो। कमेटी के सदस्यों का नाम, पता और मोबाइल नंबर राजस्थान प्राइवेट स्कूल पोर्टल (PSP) पर अपडेट हों।
स्कूल स्तरीय फीस कमेटी की ओर से अनुमोदित फीस को पीएसपी पर सालाना और मासिक मद में पीडीएफ बनाकर अपडेट करना अनिवार्य है।
Fees will not increase in private schools for 3 years
अनुमोदित फीस के अलावा किसी तरह का शुल्क वसूलना फीस एक्ट के खिलाफ है। ऐसे में स्कूल प्रशासन को फीस के नाम पर की गई वसूली को स्टूडेंट्स और पेरेंट्स को लौटाना होगा।
स्कूल स्तरीय फीस कमेटी से निर्धारित फीस तीन शैक्षणिक सत्रों के लिए होगी। सिर्फ कुछ वक्त के लिए नहीं।
प्राइवेट स्कूल जो माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, सीबीएसई, सीआईएससीई, सीएआईई आदि से मान्यता प्राप्त हैं। उनके नियमों और उप नियमों की पालना करते हुए शैक्षणिक सत्र के लिए किताबों का चयन करना होगा। इसकी जानकारी यानी लेखक का नाम, किताब की कीमत के साथ शैक्षणिक सत्र शुरू होने से एक महीने पहले ही स्कूल के नोटिस बोर्ड और वेबसाइट पर अपलोड करना अनिवार्य है, ताकि पेरेंट्स उन्हें बाजार से भी खरीद सकें।
प्राइवेट स्कूलों में पाठ्य सामग्री, स्टेशनरी, यूनिफॉर्म, जूते, टाई, बेल्ट जैसे सामान की बिक्री के लिए शिक्षा विभाग की गाइडलाइन की शत प्रतिशत पालना होनी चाहिए।
प्राइवेट स्कूलों में विशेष योग्यजन (दिव्यांग) और फीमेल स्टूडेंट्स के लिए बनाए गए नियमों की शत प्रतिशत पालना होनी चाहिए।
स्टूडेंट्स पर मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना की शिकायतों की त्वरित सुनवाई के साथ ही दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई होनी चाहिए।
प्राइवेट स्कूलों में पेरेंट्स-टीचर्स मीटिंग का आयोजन किया जाए। इसमें स्टूडेंट से जुड़ी समस्याओं के साथ स्कूल मैनेजमेंट संबंधी समस्याओं पर भी चर्चा हो। इसकी जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध करवाना अनिवार्य होगा।
शिक्षा विभाग की गाइडलाइन और सभी सूचनाओं को स्कूल को अपने नोटिस बोर्ड पर चस्पा व वेबसाइट पर अपलोड करना अनिवार्य होगा।