School readiness will remove the hesitation of children, they will learn to read and write while playing.
बच्चों की हिचक दूर करेगा स्कूल रेडिनेस, खेल-खेल में ही सीखेंगे पढ़ना-लिखना
खास वर्क बुक के साथ यह तरीका अपनाएंगे पढ़ाई में…
भाषा नहीं बनेगी बाधा, बच्चों की भाषा समझ कर शिक्षक करेंगे संवाद
School readiness शिक्षा विभाग कक्षा एक में नव प्रवेशित बच्चों को स्कूल रेडिनेस प्रोग्राम के माध्यम से शैक्षिक वातावरण के प्रति सहज बनाएगा। बच्चों में डर-भय, संकोच को दूर करके उनमें सहज तरीके से खेल-खेल में ही मनोरंजक गतिविधियों के माध्यम से अध्ययन के प्रति रुचि पैदा करना इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। प्रोग्राम की खास बात यह है कि इसमें बच्चों से ज्यादा शिक्षकों को समझना होगा कि बच्चा क्या कहना चाह रहा है। क्या समझ रहा है। मतलब भाषा को लेकर कोई बंधन नहीं होगा। बच्चा जिस भाषा या बोली में बात करेगा, शिक्षक पर ही जिम्मेदारी होगी कि वह उस बोली-भाषा और मंतव्य को समझे और उससे संवाद करे। धीरे-धीरे बच्चा जब सहज हो जाएगा, तो हिंदी में संवाद और शिक्षण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। स्कूल रेडिनेस का यह कार्यक्रम 12 सप्ताह अथवा तीन महीने तक चलेगा।
School readiness इसलिए पड़ी जरूरत
सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ाने के लिए निपुण भारत अभियान के तहत कक्षा एक में प्रवेश ले चुके और प्रवेश लेने योग्य बच्चों के लिए विद्या प्रवेश कार्यक्रम (स्कूल रेडीनेस) चलाया गया है। इसके अन्तर्गत खेल-खेल में बच्चे की बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक अवधारणा को आनन्दमय बनाते हुए कौशल भी विकसित किया जाएगा। वर्क बुक में बच्चों को सरल तरीके से पढ़ाने के लिए चित्र, संख्या तथा रंग आदि का उल्लेख है। कार्य पुस्तिका तैयार करने वाले राजकुमार ओझा ने बताया कि इस प्रकार की पुस्तिका से बच्चों के समझने की क्षमता का विकास जल्दी होगा।
School readiness से बच्चों की नींव होगी मजबूत
समग्र शिक्षा के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. विष्णुदत्त जोशी के मुताबिक ऐसी गतिविधियों से बच्चा जब आगे की कक्षा में प्रवेश करेगा, तो उसकी नींव मजबूत हो चुकी होगी और वह सहज ढंग से पढ़ाई को आत्मसात कर सकेगा। इस कार्यक्रम में नर्सरी के बाद कक्षा एक में प्रवेश लेने के इच्छुक बच्चे भी हिस्सा ले सकते हैं। नामांकन बढ़ाने के लिए ग्रीष्मावकाश के दौरान हाउस सर्वे में भी अभिभावकों को इस कार्यक्रम की जानकारी दी जाएगी।
School readiness पांच दिन पढ़ाई, छठे दिन रिवीजन
कक्षा एक में नव प्रवेश विद्यार्थियों का सत्र एक जुलाई से शुरू होगा। उन्हें शुरुआती तीन महीने सप्ताह में पांच दिन शिक्षण कराया जाएगा। छठे दिन शनिवार को रिवीजन कराया जाएगा। ताकि बच्चे पांच दिन तक का याद किया भूल न सकें। संस्था प्रधान का दायित्व रहेगा कि प्रतिमाह शिक्षकों-अभिभावकों से समीक्षा बैठक करके विद्यार्थियों की शैक्षिक प्रगति को साझा करें।
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