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मुख्यमंत्री सहायता कोष 

मुख्यमंत्री सहायता कोष से दी जाने वाली सहायता का विवरण

दुर्घटना प्रभावितों को सहायता

अकाल, बाढ, अतिवृष्टि, अग्निकांड एवं आकस्मिक दुर्घटना से असामयिक मृतकों के आश्रितों को सहायता।

गंभीर रोग से पीडितों को सहायता

गंभीर रोग (कैंसर, गुर्दा व मूत्र, हदय रोग) से पीडित व्यक्ति को आर्थिक सहायता प्रदान करना।

राजस्थान शुभ शक्ति योजना

कॉकलियर इम्प्लांट

मूक-बधिर बालकों की कॉकलियर इम्प्लांट सर्जरी – राजस्थान राज्य के बीपीएल/नॉन बीपीएल 6 वर्ष की आयु तक के मूक-बधिर बालकों जिनके परिवार की वार्षिक आय 2.00 लाख रूपये तक है, को मुख्यमंत्री सहायता कोष से शत-प्रतिशत सहायता वर्तमान में सवाई मानसिंह चिकित्सालय, जयपुर, मथुरादास माथुर चिकित्सालय जोधपुर, पी.बी.एम. चिकित्सालय बीकानेर, महाराणा भूपाल राजकीय चिकित्सालय, उदयपुर, महाराव भीमसिंह चिकित्सालय, कोटा, एम्स जोधपुर एवं जवाहर लाल नेहरू चिकित्‍सालय अजमेर में स्वीकृत की जाती है। कॉकलियर इम्लांट सर्जरी हेतु प्रकरण सम्बन्धित चिकित्सालय द्वारा मूक-बधिर बालक के चिकित्सकीय परीक्षण उपरांत पात्र होने की स्थिति में अग्रेषित किया जाता है।

थैलीसीमिया मेजर

थैलिसिमिया मेजर रोगोपचार हेतु सहायता – राजस्थान राज्य के बीपीएल/नॉन बीपीएल थैलिसिमिया मेजर रोग से पीडित बालकों जिनके परिवार की वार्षिक आय 2.50 लाख रूपये तक है, के बोनमैरो ट्रांसप्लांट हेतु साउथ ईस्ट एशिया चिकित्सालय, जयपुर में राशि 7.00 लाख रूपये तक की मुख्यमंत्री सहायता कोष से शत-प्रतिशत सहायता दी जाती है।

सामान्य सहायता

यह सहायता विशेष परिस्थितियों में विभिन्न संस्थाओं /व्यक्तियों को स्वीकृत की जाती है।

अन्य सहायता

अन्य सहायता के अंतर्गत कारगिल,उडीसा चक्रवात पीडितों को सहायता,गुजरात भूकंप पीडितों को आवासीय सुविधा आती है|

राजस्थान मुख्यमंत्री सहायता कोष – दुर्घटना सहायता

मुख्‍यमंत्री सहायता कोष

योजना प्रारम्भ : April 1999

वित्त पोषित :

राज्य

योजना का प्रकार : व्यक्तिगत

राजस्थान मुख्यमंत्री सहायता कोष नियम 4(1) के अन्तर्गत अकाल. बाढ़ एवं दुर्घटना प्रभावितों को सहायता देने के सम्बन्ध में दिशा-निर्देश

• मुख्यमंत्री सहायता कोष से सहायता देने के लिए समस्त जिला कलक्टरों को राशि 20-20 लाख रुपये का रिवाल्विंग फण्ड उपलब्ध कराया हुआ है। 
• दुर्घटना दिनांक 18.02.2019 से मृत्यु होने पर मृतक के आश्रित को राशि 1.00 लाख रुपये। 
• दुर्घटना दिनांक 18.02.2019 से गम्भीर घायल होने पर राशि 20,000 रुपये तक एवं साधारण घायल को चोट की गम्भीरता को दृष्टिगत रखते हुए सहायता स्वीकृत की जावे। 
• परिवार सक्षम है, तो सहायता उपलब्ध कराना आवश्यक नहीं है। 
• दुर्घटना दिनांक से अधिकतम 6 माह की अवधि में आवेदन करने पर ही सहायता देय है। 
• दुर्घटना में गम्भीर घायल की उपचाराधीन रहते हुए मृत्यु होने की स्थिति में आवेदन दिनांक के स्थान पर मृत्यु दिनांक से 6 माह की अवधि में आवेदन करने पर सहायता दी जाती है।


सहायता के लिए तहसील/जिला कलक्टर कार्यालय अथवा मुख्यमंत्री कार्यालय में निम्नानुसार आवेदन करना होता है:
• प्रार्थना पत्र। 
• घायल की मेडिकल रिपोर्ट की प्रति (अनिवार्य)।
• मृत्यु होने पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्रति (अनिवार्य) अथवा 
• शव क्षत-विक्षत होने की स्थिति में जांच अधिकारी का संतुष्टि प्रमाण पत्र (अनिवार्य)|
• एफआईआर रिपोर्ट की प्रति (अनिवार्य) ।
• राशन कार्ड की प्रति।
• आधार कार्ड की प्रति। 
• बैंक खाते की पासबुक के प्रथम पृष्ठ की प्रति / निरस्त चैक अथवा छाया प्रति।

 मुख्यमंत्री कार्यालय में सहायता हेतु प्रार्थना पत्र प्राप्त होने पर मुख्यमंत्री सहायता कोष की वेबसाईट पर सॉफ्टवेयर में दर्ज किया जाकर मूल ही सम्बन्धित जिला कलक्टर कार्यालय को नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही हेतु भिजवा दिया जाता है। 
 
 तहसील/जिला कलक्टर कार्यालय में दुर्घटना में सहायता हेतु प्रार्थना पत्र प्राप्त होने पर:
 मुख्यमंत्री सहायता कोष की वेबसाईट के सॉफ्टवेयर में इन्द्राज किया जाकर 
• सर्वप्रथम प्रार्थना पत्र की सॉफ्टवेयर पर जांच की जावे। पूर्व में इन्द्राज होने की स्थिति में पुन: इन्द्राज नहीं किया जावे। 
• प्रार्थना पत्र अपूर्ण होने की स्थिति में प्रार्थी को पूर्तियां करने हेतु सूचित किया जावे। 
• नियमानुसार सहायता देय नहीं होने की स्थिति में प्रकरण अस्वीकृत कर सूचित किया जावे।
• एक ही प्रकरण में दो बार सहायता देय नहीं है। 
• आग अथवा अन्य कारणों से सम्पत्ति का नुकसान होने पर सहायता देय नहीं है। 
• प्रार्थना पत्र पूर्ण होने पर पात्रता के आधार पर नियमानुसार सहायता स्वीकृत कर मुख्यमंत्री सहायता कोष की रिवाल्विंग फण्ड से भुगतान किया जाकर पुनर्भरण प्राप्त कर लिया जावे। 
• प्रार्थना पत्र का निस्तारण एक माह की अवधि में किये जाने की प्रभावी व्यवस्था की जावे।

अन्य निर्देशः
• दुर्घटना में मृतक के आश्रित माता-पिता/पति-पत्नी/पुत्र-पुत्री को ही सहायता देय है। 
• विशेष परिस्थितियों में दादा-दादी/आश्रित भाई-बहिन को मुख्यमंत्री कार्यालय से सहमति से सहायता दी जा सकती है। 
• अज्ञात वाहन से दुर्घटना पीड़ितों को सहायता देय है। 
• मुख्यमंत्री सहायता कोष की रिवाल्विंग फण्ड की राशि का अन्य प्रयोजन हेतु उपयोग नहीं किया जावे। इस हेतु संधारित खाते में अन्य मदों की राशि जमा नहीं की जावे । 
• पुनर्भरण की राशि शीघ्र जमा करने के उद्देश्य से भी रिवाल्विंग फण्ड का खाता भारतीय स्टेट बैंक की शाखा में रखा जावे। 
• पुनर्भरण की राशि 15 दिवस में प्राप्त नहीं होने पर सूचित किया जावे। 
• आत्महत्या के प्रकरणों में सहायता देय नहीं है। 
• हत्या एवं दुष्कर्म के प्रकरणों में राजस्थान पीड़ित प्रतिकर (संशोधित) स्कीम-2015 के अन्तर्गत हत्या एवं दुष्कर्म के प्रकरणों में सहायता देने का प्रावधान के अन्तर्गत प्रतिकर देने की कार्यवाही की जावे। 
• राज्य सरकार की अन्य योजनाओं से सहायता देय होने की स्थिति में मुख्यमंत्री सहायता कोष से सहायता नहीं दी जावे। 
• नियमों में शिथिलता के प्रस्ताव/मार्गदर्शन के प्रकरण जिला कलक्टर के माध्यम से ही मुख्यमंत्री कार्यालय को भिजवाये जावें। 
• लम्बित प्रकरणों की सूचना/रिवाल्विंग फण्ड की मासिक सूचना प्रत्येक माह की 10 तारीख तक मुख्यमंत्री सहायता कोष की ई-मेल cmrf.cmo@rajasthan.gov.in पर भिजवायी जावे।

नोट: योजना अपडेशन कार्य प्रगति पर है!

योजना का संचालन

योजना प्रदायगी की अवधि/समय :7 दिन
योजना के नामित अधिकारी :मुख्य लेखाधिकारी

पात्रता

1. आकस्मिक दुर्घटना में घायल 2. प्राकृतिक आपदा/आकस्मिक दुर्घटना में मृतक

आवेदन कैसे करें

रोगी अथवा मुखिया का साधारण कागज पर प्रार्थना पत्र (Email or Personally on CMR)

समर्थन दस्तावेज़

राजस्थान मुख्यमंत्री सहायता कोष – दुर्घटना सहायता के लिए आवेदन हेतु आवेदक के पास निम्नलिखित दस्तावेज होने आवश्यक है :-

  • आय प्रमाण पत्र की प्रति* : Income Certificate/Proof
  • पते के प्रमाण की प्रति* : Rashan Card, Treatment Estimate by Doctor

नोट : * आवेदन करने के लिए अनिवार्य दस्तावेज को दर्शाता है |

लाभार्थी को देय लाभ

लाभ :
लाभार्थी को मिलने वाली का विवरणDBT/DD
भुगतान विवरण की विधि :DBT/DD
भुगतान का तरीकाएक बारीय पूर्ण सहायताOne time (fully)
1. राजकीय चिकित्सालयों में 40 प्रतिशत, अधिकतम 1. 50 लाख रुपये
2. मान्यता प्राप्त निजी चिकित्सालयों में 30% प्रतिशत अधिकतम 90 हजार (प्रथम एवं द्वितीय में दोनों में से जो कम हो)

योजना से सम्बंधित दस्तावेज

आदेश और परिपत्र प्रारूप
आदेश और परिपत्र

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