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क्या रहेगी REET-मेंस की कटऑफ, सबसे पहले हमारी साईट पर Check Now

40 एक्सपर्ट ने बताया कितने नंबर पर सिलेक्शन, कब आएगा रिजल्ट?

राजस्थान के युवाओं के लिए रीट मेंस यानी शिक्षक भर्ती परीक्षा-2022 एक महाकुंभ की तरह रही। इस एग्जाम में 90% से ज्यादा उपस्थिति बता रही है कि अभ्यर्थी पूरे उत्साह के साथ इसमें शामिल हुए।

अब इंतजार रिजल्ट का है। एग्जाम के बाद और रिजल्ट जारी होने से पहले का दौर अभ्यर्थियों के लिए उधेड़बुन का रहता है कि मैरिट क्या रहेगी? क्या कटऑफ में मेरा नंबर आ पाएगा या नहीं?

हमारी टीम ने अभ्यर्थियों की भावना के अनुसार उनके मन में उठ रहे सवालों के जवाब एक्सपर्ट्स से जानने की कोशिश की।

हालांकि, किस अभ्यर्थी का क्या भविष्य रहेगा, ये तो बोर्ड का परिणाम जारी होने के बाद सभी के सामने आ जाएगा।

लेकिन हमारी टीम ने कोचिंग सेक्टर से जुड़े 40 से ज्यादा एक्सपर्ट्स का एक पैनल तैयार किया और ये जानने की कोशिश की कि आखिर रिजल्ट कैसा रहेगा।

एक्सपर्ट्स से ये सवाल किए गए…

  • पेपर कितना आसान या कितना टफ रहा?
  • कटऑफ कितनी जाने का अनुमान है और क्यों?
  • कितने प्रश्न करने पर सिलेक्शन होने की संभावना है?
  • सब्जैक्ट वाइज सबसे विवादित प्रश्न कौन-कौन से रहे, उनके सही उत्तर कारण सहित बताएं?

आइए जानते हैं….

एक्सपर्ट का मानना है कि लेवल-1 और लेवल-2 के विभिन्न विषयों के पेपर को देखें, तो कुछ एक को छोड़ कर ओवरऑल पेपर आसान रहे।

कर्मचारी चयन बोर्ड के ये पेपर एनसीईआरटी की बुक्स से प्रभावित नजर आए। एग्जाम में पहली बार राजस्थानी भाषा से संबंधित प्रश्न शामिल किए गए थे। पिछली परीक्षाओं को देखें, तो इसका विद्यार्थियों को अनुभव कम था।

एक्सपर्ट्स ने इस कदम को अच्छा माना है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये कदम मैरिट के संतुलित होने में सहायक रहेगा। वहीं, कुछ एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि शिक्षा में नवाचार से संबंधित कोई प्रश्न बनाया ही नहीं गया।

अब पहले बात करते हैं लेवल-1 की

एक्सपर्ट्स के अनुसार लेवल-1 की परीक्षा में लगभग सभी प्रश्न एनसीईआरटी की पुस्तकों में से ही थे, इसलिए प्रश्न पत्र को आसान कहा जा सकता है।

प्रश्न संख्या के आधार पर 102 से अधिक मतलब 204 अंकों से ऊपर रहने पर अभ्यर्थी को मंजिल मिल सकती है। लेवन 1 में सीटों की संख्या भी अच्छी है और अभ्यर्थियों की संख्या कम है।

जिन्होंने निगेटिव मार्किंग का ध्यान रखा और 100 प्रश्न के उत्तर सही दिए हैं, उनके सलेक्शन की संभावना अच्छी कही जा सकती है।

लेवल-1 में कंपटीशन

लेवल-1 में 21,000 सीटों पर स्टूडेंट्स को सिलेक्ट किया जाएगा। ऐसे में 1 सीट पर 10 कैंडिडेट्स में कंपटीशन देखने को मिलेगा।

लेवल-1 में कंपटीशन

शिक्षक भर्ती परीक्षा लेवल-2 का एनालिसिस

शिक्षक भर्ती परीक्षा लेवल-2 का एनालिसिस

लेवल-2 में करीब 27 हजार पदों पर 6 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। सबसे ज्यादा 8,782 सीटें इंग्लिश सब्जैक्ट में हैं। लेकिन यहां कंपटीशन कम है। इसके बाद मैथ्स-साइंस, एससटी, हिंदी में है। लेकिन हर सब्जैक्ट के एग्जाम का स्टैंडर्ड अलग-अलग रहा। ऐसे में सब्जैक्टवार एनालिसिस से समझते हैं।

सब्जैक्ट : हिन्दी, लेवल-2

रीट मेन्स लेवल-2 हिन्दी के प्रश्न सामान्य रहे और सामान्य ज्ञान के प्रश्न अपेक्षा के अनुसार ही रहे। हिन्दी विषय का रिजल्ट औसत दर्जे का रह सकता है। अकेले हिन्दी सब्जैक्ट में ज्यादातर कैंडिडेट्स ने 80-85% के लगभग सवाल सही हल किए हैं, लेकिन पूरे पेपर के आधार पर सामान्य कैटेगिरी में 150 में से 112 प्रश्न सही करने वाले विद्यार्थी ही सलेक्शन के नजदीक होंगे। हिन्दी में कैंडिडेट की संख्या 1.5 लाख है, इसलिए कंपटीशन भी ज्यादा है।

सब्जैक्ट : हिन्दी, लेवल-2

RPSC 1st Grade Teacher Result 2023

हिंदी सब्जैक्ट के विवादित प्रश्न

1. निम्नलिखित में से कौन सा शब्द जातिवाचक संज्ञा से निर्मित भाववाचक संज्ञा नहीं है?
a – बंधुत्व, b – पशुता, c – कंजूसी, d – शठता

एक्सपर्ट का तर्क : सी और डी विकल्प में कंजूसी व शठता दोनों शब्द विशेषण से भाववाचक संज्ञा बने हैं। कंजूसी – विशेषण है, जिसमें ई प्रत्यय जुड़कर भाववाचक संज्ञा बनी है। शठ – विशेषण है, जिसमें ता प्रत्यय जुड़कर भाववाचक संज्ञा बनी है।

2. निम्नलिखित में से जातिवाचक संज्ञा से बना भाववाचक संज्ञा शब्द कौन सा है?
a – मिठास – मीणा (विशेषण) + आम, b – सजावट – सजाना (क्रिया) + आवट, c – ममता – मम (सर्वनाम) + ता, d – बुढ़ापा – बूढ़ा (विशेषण) + आपा
एक्सपर्ट का तर्क : इसमें एक भी शब्द ऐसा नहीं है, जो जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक बना हो।

3. निम्नलिखित में से स्त्रीलिंग शब्द है।
a – गुणवती, b – डिब्बा, c – नेत्री, d – युवा
एक्सपर्ट का तर्क : a और c, दोनों स्त्रीलिंग हैं।

4. क्रिया वाले प्रश्न में रचना के आधार पर क्रिया को अकर्मक-सकर्मक माना गया है, जो गलत है। क्रिया के अकर्मक-सकर्मक भेद कर्म की प्रधानता के आधार पर होता है न कि रचना के आधार पर।

5. वाक्य शुद्धि के प्रश्न में – एक वाक्य ‘एक गाय दो घोड़े और एक बकरी मैदान में चर रही है तथा दूसरा वाक्य ‘काशी सदा से भारतीय संस्कृति का केन्द्र रहा है।’ ये दोनों ही विकल्प शुद्ध हैं अतः यह प्रश्न भी डिलीट करने के योग्य है।

6. अंतस्थ व्यंजन वाला प्रश्न दो बार पुछा गया, इसी प्रकार निदानात्मक परीक्षण का प्रश्न भी हिन्दी-शिक्षण में दो बार लगभग समान भाव के साथ पूछ लिया गया। यह पेपर में पुनरावृत्ति का दोष पैदा करता है।

7. कोठारी आयोग के अध्यक्ष कौन थे, यह पूछा गया किंतु ऑप्शन में सही उत्तर था ही नहीं। इस आयोग के अध्यक्ष दौलत सिंह कोठारी थे, किंतु विकल्पों में यह उपलब्ध नहीं था। इसलिए इस प्रश्न को हटाया जा सकता है।

8. एक प्रश्न मॉडल स्कूल से और एक प्रश्न पब्लिक स्कूल से बनाया गया जो कि पाठ्यक्रम का भाग नहीं था। यह सभी टॉपिक पूर्व में व्याख्याता परीक्षा के अंश रहे हैं लेकिन ग्रेड थर्ड के अध्यापक परीक्षा से इसका कोई संबंध नहीं था।

सब्जैक्ट : साइंस-मैथ्स, लेवल-2

मैथ्स-साइंस के पेपर की बात करें, तो पेपर खास कठिन नहीं था। इस पेपर में कुल 60 सवाल आते हैं, जिसमें मैथ्स के 30 और कैमिस्ट्री-फिजिक्स-बायोलॉजी को मिलाकर 30 सवाल होते हैं।

मैथ्स की बात की जाए तो पेपर का स्तर सामान्य था। जिस भी विद्यार्थी ने गंभीर होकर तैयारी की थी, उसके लिए पेपर आसान कहा जाएगा। प्रश्न पत्र में कोई संशय वाला प्रश्न नहीं था।

मैथ्स के अलावा जो साइंस के सवाल थे, उन्हें भी मध्यम दर्जे का कहा जा सकता है। इनमें वे सवाल अधिक थे, जो पहले आरपीएससी सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते रहे हैं। जिस भी विद्यार्थी ने गंभीर होकर तैयारी की थी, उसके लिए पेपर आसान कहा जाएगा। कोई संशय वाला प्रश्न नहीं था।

जो कैंडिडेट 190 अंकों से ऊपर है, यानी जिसके 95 से ज्यादा प्रश्न बिना नेगेटिव मार्किंग के सही है, उसके चयन की संभावना बनती है। उसका कारण ये भी है की साइंस-मैथ्स में पदों की संख्या भी अच्छी है।

सब्जैक्ट : साइंस-मैथ्स, लेवल-2

सब्जैक्ट – SST, लेवल-2

प्रश्न पत्र का स्तर सामान्य और औसत दोंनो के मिश्रण के रूप में देखा जा सकता है। ऐसे में यह कहना कि पेपर बिलकुल आसान था, सही नहीं होगा। देखा जाए तो 10 फीसदी प्रश्न प्रत्येक सब्जैक्ट में आसान थे, लेकिन 15 फीसदी प्रश्न प्रत्येक सब्जैक्ट में थोड़े हार्ड थे। पेपर में लगभग सभी प्रश्न एनसीईआरटी की पुस्तकों में से थे, इसलिए अधिक कठिन नहीं कहा जा सकता।

कला व संस्कृति से जुड़े प्रश्नों को देखें तो कहा जा सकता है कि पेपर सामान्य रहा, लेकिन भाषा व साहित्य के अभ्यर्थी के लिए थोड़ा कठिन रहा होगा। निगेटिव मार्किंग से बचने वाले जिन अभ्यर्थियों ने सही तौर पर 110 से 115 प्रश्न ही अटेम्प्ट किए, उनके चयन होने के चांसेज ज्यादा हैं।

कटऑफ का अनुमान

  • एसएसटी में 70 से 75 प्रतिशत या 210 से 220 अंक आने पर चयन हो सकता है। इसका मुख्य कारण हैं पोस्ट कम हैं और अभ्यर्थी ज्यादा हैं।
  • ओवरऑल देखा जाए तो सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों की 105 से 107 प्रश्न मतलब 210 से 215 के बीच अनुमानित होगी।
  • OBC वर्ग की कटऑफ भी लगभग सामान्य श्रेणी जैसी ही रहने की संभावना है।
  • SC/ST की कटऑफ 185 से 195 अंक के बीच रहने का अनुमान है। पिछली बार कटऑफ 73.53 प्रतिशत रही थी।

सब्जैक्ट : इंग्लिश, लेवल-2

सब्जैक्ट : इंग्लिश, लेवल-2

एक्सपर्ट्स के अनुसार इंग्लिश सब्जैक्ट के पेपर में जीके के सवालों का लेवल साधारण था। अंग्रेजी ग्रामर के सवालों को भी साधारण तो कहा जा सकता है, लेकिन देखने में आया कि ये प्रश्न थोड़े लेंदी रखे गए थे। यानी इन्हें सॉल्व करने में स्टूडेंट्स को वक्त ज्यादा लगा होगा।

पेपर में एक तीसरा पार्ट था टीचिंग मेथड एवं आईसीटी। इनसे जुड़े सवालों को जरूर कठिन कहा जा सकता है। हालांकि पेपर में विवादित प्रश्न एक भी नजर नहीं आया। मैरिट की बात करें, तो जिन सामान्य अभ्यर्थियों ने निगेटिव मार्किंग के कारण बिलकुल रिस्क नहीं लिया और 92 प्रश्न तक सही कर दिए, तो उनके चयन की अच्छी संभावना है।

सब्जैक्ट : इंग्लिश, लेवल-2

इंग्लिश में 1 सीट पर 7 में कैंडिडेट में कंपटीशन

आरक्षित वर्ग के लिए कटऑफ अलग-अलग रहेंगी। पिछली बार की तुलना में कटऑफ इस बार ज्यादा रहने की संभावना है। इसका कारण है सीटें 8742 होना। करीब 55000 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, इनमें से 96 फीसदी से अधिक एग्जाम में प्रेजेंट थे। ऐसे में यहां 1 सीट पर 7 कैंडिडेट में कंपटीशन है।

सब्जैक्ट : संस्कृत, लेवल-2

सब्जैक्ट : संस्कृत, लेवल-2

संस्कृत का पेपर सामान्य रहा, न ज्यादा आसान न ज्यादा कठिन। लेकिन कुछ विवादित प्रश्न जरूर देखने को मिले। पिछली रीट में करीब 80 फीसदी कटऑफ गई थी।

संस्कृत के विवादित प्रश्न

1. महाभारतस्य प्रणेता कः?
a – वैशम्पायनः, b – कृष्ण द्वैपायनः, c – जनमेजयः, d – बादरायणः
एक्सपर्ट का तर्क : कृष्ण द्वैपायनः और बादरायणः दोनों उपाधि हैं। दोनों ही सही हो सकते हैं। वेद व्यास का पूरा नाम कृष्ण द्वैपायनः बादरायणः वेद व्यास है।)

2. सम्प्रति वाल्मीकि रामायणस्य पाठाः (संस्करणानि)
a – 7, b – 5, c – 3, d – 6
एक्सपर्ट का तर्क : इस प्रश्न का सही उत्तर – 4 है, जोकि ऑप्शन में नहीं दिया गया। क्योंकि रामायण में चार संस्करण प्राप्त होते हैं – बम्बई, बांग्ला, कश्मीर, दाक्षिणात्य संस्करण।

3. आदिकाव्यम से संबंधि 90 और 95 प्रश्न रिपीट हैं।

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